प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया नये संसद भवन का शिलान्यास, बदल दिया अंग्रेजी दास्ता का इतिहास

रिपोर्ट हरीश मैखुरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदल दिया भारत का इतिहास अंग्रेज़ी दास्ता से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त, नये संसद भवन का शिलान्यास। 2024 में पूर्ण हो सकता है निर्माण कार्य। भारत के इतिहास में प्रधानमंत्री मोदी सदैव बड़ा करने, नयां करने और नयी सोच के लिए सुविख्यात हैं।

इस नए संसद भवन में लोकसभा का सेंट्रल हॉल इतना बड़ा होगा कि आने वाले समय में यदि सासंदों की संख्या बढ़ाई भी जाती है तो सहजता से सभी सांसद बैठ सकेगें। सरकार द्वारा प्रस्तावित नए संसद भवन के लोकसभा की नये भवन में सदन के अंदर 900 सीटें होंगी। वहीं, संयुक्त सत्र के समय लोकसभा में 1350 सांसद सहजता से बैठ सकते हैं। बता दें कि सरकार ने सेंट्रल विस्टा को पुनर्विकसित करने की योजना को मंजूरी दे दी है और इसके लिए 2024 डेडलाइन तय की गई है।

दिल्ली स्थित यह नया संसद भवन त्रिकोणमिति होगा। लोकसभा के नये भवन में सदन के अंदर सीटों की संख्या को इसलिए बढ़ाया जा रही है कि भविष्य में लोकसभा में यदि लोकसभा की सीटें बढ़ती भी हैं तो किसी तरह की असुविधा न हो। नए लोकसभा सदन में दो सीट वाली बेचें होंगी, जिसमें सासंद सहजता से एकला बैठ सकेंगे। वहीं, संयुक्त सत्र के दौरान इन्हीं दो सीटों वाली बेंच पर तीन सांसद बैठ सकेंगे। इस तरह से कुल 1350 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी।

*भारत की नई संसद भवन का नाम “नेताजी सुभाष चंद्र बोस” भवन होगा। नये भारत की नई परिभाषा
भारत माता के चरणों में एक श्रृंगार  2024 के बाद होने वाले लोक सभा चुनाव में लोकसभा व राज्य सभा की सीटों बढ़ सकती हैं।
….पोलैण्ड की आजादी के बाद वहां के ईसाई समुदाय ने लगभग सभी चर्च गिराते हुए कहा था, गुलामी की हर निशानी को मिटाने के बाद ही पूर्ण आजादी का एहसास होगा…. यहां बस शुरूआत है..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐसे ही नया करने और बड़ा करने के पराक्रम के चलते जाम और जमघट कारी प्रतिपक्ष उनसे खासे खिसियाये दिखते हैं। भारत माता की जय, नमो नमो 💐👍