सौजन्य – रूपचंद जखमोला
विषेश सूत्रो से पता चला है कि उत्तराखण्ड में जितनी तेज़ी से पलायन हो रहा है,उतनी ही तेज़ी से पूरे भारत वर्ष में ये पलायन की बातें सभी उत्तराखण्डीयों को किसी न किसी माध्यम से पता चल रही हैं,और इसके बारे मे कई सगंथन और ngo व संस्थाए बहुत तेज़ी से काम भी कर रही हैं,इसके लिये सरकार द्वारा एक कमेटी का भी गठन किया गया है,
यहां तक कि ये भी सुनने मे आया है, सुना उत्तराखंड के लोग अब जागरुक होंने के साथ-साथ उत्तराखण्ड के लिए कूछ भी कर सकतें हैं, जिस तरह उत्तराखण्ड बनाने के लिए किया था,
लेकिन ये क्या गाऊँ वापसी कोई नहीं करना चाह रहा।