अविलंब सुरक्षा दीवार नहीं बनी तो बद्रीनाथ और नीति माणा बोर्डर को जोड़ने वाला एकमात्र पुल बह जायेगा

चमोली – बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बिरही गंगा पर बना पुल कभी भी ढह सकता है। अनहोनी से पहले ही उचित प्रबन्ध किया जाय तो बहुत कुछ सामान्य हो सकता है, नीति माणा बोर्डर के साथ ही बद्रीनाथ,हेमकुंड, फूलोंघाटी,औली,जोशीमठ, भविष्य बद्रीनाथ, योगध्यान बद्री,वृद्ध बद्री जैसे विश्वप्रसिद्ध पर्यटक स्थलों को जोड़ने वाला एक मात्र विरही पुल है।इन दिनों वीर गंगा के रौद्र रूप के आगे लाचार नजर आ रहा है, वीरही गंगा चमोली जिले के सुदूरवर्ती गांव ईरानी के  प्रसिद्ध सप्तकुण्ड और दुग्दकुण्ड (जो उत्तराखंड के पर्यटक मानचित्र में अंकित नहीं हैै ) नंदा घुँघुटि पर्वत से निकलती है, 20 जुलाई वर्ष 1970 को भी  विरही ताल यानि दुर्मी ताल को क्षतिग्रस्त कर भारी  तबाही मचाई। इन दिनों भी विरही के तेज बहाव में पुल का बीच का हिस्सा भी आंशिक क्षतिग्रस्त  हुआ, यदि इस पर ध्यान न दिया  भाारी अनहोनी सकती है,  वीर गंगा अपने आगे किसकी को टिकने नहीं देती है,और अपने से बड़ा कुछ नहीं देख सकती, ठीक ही कहा गया है पहाड़ की जवानी और पानी पहाड़ के काम नही आता चमोली जिला तो इस बार आपदा की मार के सम्मुख घायल है,