मंगलवार सुबह 18 सूत्री मांगों को लेकर राजकीय शिक्षक संघ ने तालाबंदी शुरू कर दी। शिक्षको ने दफ्तर खुलने से पहले ही ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय और मयूर विहार स्थित सीईओ कार्यालय पर ताले ठोक दिए। शिक्षकों की निदेशालय में तालाबंदी खुलवाने के मुद्दे पर निदेशक आरके कुंवर के साथ तीखी नौकझोंक हुई। इस बीच संयुक्त निदेशक बीएस नेगी की तीखी टिप्पणी पर महामंत्री सोहन सिंह माजिला ने आपा खो दिया और वही जमीन पर लेट गए। तालाबंदी की शुरुआत सुबह सुबह शुरू हो गए थी। 10 बजे अफसर दफ्तर पहुचे तो काफी देर तक बाहर ही खड़े रहे।
निदेशालय में 10.30 बजे अपर निदेशक वीएस रावत, नरबीर सिंह बिष्ट, आरपी डंडरियाल, जीएस सौंन, सुभाष भट्ट, लक्ष्मी बडोनी आदि भीतर आये। पर वहां अध्यक्ष केके डिमरी, महामंत्री माजिला समेत धरने पर बैठे रविन्द्र राणा,शिव सिंह नेगी, सुभाष झलड़ियाल, नागेंद्र पुरोहित आदि ने उन्हें रोक लिया। कहा कि पिछले कई साल से शिक्षकों को कोरे आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। अब शिक्षक अपनी जाज मांगो के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आन्दोलन कर रहे हैं तो चंद घंटे में ही संघ पदाधिकारियों का तबादला कर दिया जाता है। अब शिक्षक मांग पूरी होने तक आन्दोलन वापस नही लेंगे।
करीब 11.15 निदेशक कुंवर अफसरों और पुलिस फोर्स के साथ निदेशालय पहुंचे। उन्होंने शिक्षकों को समझने का प्रयास किया लेकिन बात बनाने के बजाय बिगड़ती चली गई। शिक्षकों के तेवर देख कुंवर अफसरों के साथ वापस लौट गए। उन्होंने कहा कि हम अधिकारी-शिक्षक-कर्मचारी स्कूलों और वहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए और उन ही कि वजह से हैं। इस बात को समझना होगा। सरकारी कामकाज में बाधा को कतई बर्दाश्त न किया जाएगा। 12.44 पर निदेशक ने पुलिस की मौजूदगी में ताला तुडवा दिया।