✍️डाॅ हरीश मैखुरी
डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी की प्रथम पुण्य तिथि : यदि हमारी परम्परायें नहीं बेचेंगी तो हमारी परम्पराग धरोहरें और पर्यावरण भी नहीं बचेगा – चंडीप्रसाद भट्ट (Dr. Anusuya Prasad Maikhuri’s first death anniversary: If our traditions are not sold, then our traditional heritage and environment will not survive – Chandiprasad Bhatt)
चमोली – लंगासू – जिलासू में हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड टैक्नालाजी द्वारा विद्यालय के फाउंडर श्रद्धेय स्व. डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी पूर्व उपाध्यक्ष विधानसभा उत्तराखंड, पूर्व विधायक विधानसभा कर्णप्रयाग और बदरीनाथ विधानसभा, पूर्व अध्यक्ष श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति उत्तराखंड पूर्व उपाध्यक्ष चारधाम विकास परिषद उत्तराखंड की प्रथम पुण्य तिथि पर श्रध्दांजलि सभा और विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथियों द्वारा स्व० मैखुरी के चित्र का अनावरण तथा डा० सुरेंद्र प्रसाद डिमरी द्वारा संकलित एक पुस्तिका का विमोचन भी हुआ।विशिष्ट अतिथि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति डा० उदय सिंह रावत, गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा० अजय खंडूरी एवं कर्नल डी०एस० बर्त्वाल मंचासीन रहे।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और वर्तमान में श्री गुरु राम राय महंत इंद्रेश मेडिकल कॉलेज देहरादून के कुलपति प्रोफेसर उदय सिंह रावत ने कहा कि डॉक्टर अनुसूया प्रसाद मैखुरी अत्यंत सौम्य व्यक्तित्व के धनी और राजनीति से ऊपर उठे हुए व्यक्तित्व थे, ये हमारे जनपद के लिए महत्वपूर्ण और गर्व की बात थी कि वे इतने बड़े पद पर थे।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मविभूषित श्रद्धेय चंडीप्रसाद भट्ट ने कहा कि यदि हमारी परम्परायें नहीं बेचेंगी तो हमारी परम्पराग धरोहरें और पर्यावरण भी नहीं बचेगा। पद्मश्री चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि पहले हमारे हिमालय के प्रत्येक गांव में जंगल में जाने के अपने नियम थे जंगलों में जाने पर तेज आवाज या शोर नहीं करना होता था, लाल कपड़े और जूते पहनकर जंगल नहीं जाना होता था, निश्चित मौसम और महीनें में ही जंगल के उत्पादों को केवल अपने उपयोग हेतु निकालने की परंपरा थी, क्रूरता से जंगलों के विदोहन की परंपरा नहीं थी। हिमालय के तीर्थों और धामों में भी अति सीमित संख्या में श्रद्धालु आते थे आज हमारी परंपराएं टूट रही हैं, हम अपनी परंपराओं को भूल रहे हैं इस कारण हमारी परंपरागत चीजों और परंपरागत धरोहरों पर संकट आ गया है। भट्ट ने कहा कि जिस तेजी से हिमालय की बर्फ पिघल रही है और हिमनद पीछे खिसक रहे हैं और लोकल और ग्लोबल वार्मिंग से हिमालय तेजी से समाप्त हो रहा है अभी तो इससे ऐसा लगता है कि गर्मियों में अलकनंदा भागीरथी जैसे हिमालय से निकलने वाली नदियों में पानी बढ़ जाता है परंतु जब धीरे-धीरे हिमालय की बर्फ समाप्त हो जाएगी तब यह नदियां पूरी तरह से सूख जाएंगी और नदियों के किनारे बसे शहरों और गांवों पर भी संकट आ जाएगा। श्री भट्ट ने कहा कि हिमालय की प्रकृति अत्यंत संवेदनशील है उन्होंने कहा कि जिस तेजी हिमालय में आये दिन निर्माण कार्य हो रहे हैं तो उसी तेजी से यहां पर पेड़ भी लगाए जाने चाहिए।

राजकीय महाविद्यालय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर के प्रवक्ता डॉ भगवती प्रसाद पुरोहित ने आयुर्वेद और एलोपैथ के संदर्भ में कुछ व्यावहारिक तथ्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि आयुर्वेदिक विज्ञान को हमें भूलना नहीं चाहिए। आयुर्वेद हमें अति न्यूनतम खर्च पर उच्च गुणवत्ता परक उपचार और रोग निदान करता है। श्रद्धांजलिसभा में जिला सांसद प्रतिनिधि राकेश कुमार डिमरी ‘राकुडी’ ने गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत की ओर से,तथा प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तराखंड का उपाध्यक्ष होने के नाते समस्त उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तराखंड की ओर से एवं श्री बद्रीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष होने के नाते संपूर्ण डिमरी समाज की ओर से श्रद्धेय स्व० डा० अनुसूया प्रसाद मैखुरी जी को श्रद्धासुमन अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। और भगवान बद्रीविशाल जी से कामना की, उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देते हुए शांति प्रदान करें।
इस अवसर पर कर्नल डी.यस.बर्त्वा, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत, मंगला कोठियाल, डा. हरीश मैखुरी, रमेश मैखुरी, डॉक्टर अनुसूया प्रसाद मैखुरी के साथ रहे राजनीतिक सहयोगियों प्रमुख रुप से श्री वीरेंद्र सिंह रावत श्री लक्ष्मण सिंह बिष्ट श्री हरि कृष्ण भट्ट श्रीमती रैजा चौधरी इंद्रेश मैखुरी आदि ने अपने संस्मरण साझा किए। जबकि एडवोकेट भगवान सिंह चौहान, एडवोकेट भरतसिंह रावत पत्रकार एंव एडवोकेट शेखर रावत, एडवोकेट समीर बहुगुणा, सुभाष गैरोला, एडवोकेट दिलवरसिंह फर्सवाण, ईश्वरी मैखुरी, आशा राम मैखुरी, देवी मैखुरी, भाजप नेता टीका प्रसाद मैखुरी, सुबेदार चंडीप्रसाद मैखुरी, ताजवर सिंह, राजकीय इंटर कॉलेज लंगासू के प्रधानाचार्य श्री असवाल जी, जानकी प्रसाद थपलियाल, जितेन्द्र कुमार, डाॅ मैखुरी जी की धर्म पत्नी श्रीमती सावित्री देवी, सुपुत्र राजेश और नवीन मैखुरी भारी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, तथा गोपेश्वर एवं कर्णप्रयाग से मीडिया के सभी पत्रकार व छायाकार साथी उपस्थित रहे।
इस सभा का संचालन हिमाद के डाॅ दरवानसिंह पुंडीर तथा गोपेश्वर महाविद्यालय के डाॅ दर्शन सिंह ने किया।
।।जय श्री बद्री विशाल।।