आज का पंचाग आपका राशि फल, इस वर्ष के पर्व और त्योहार, उत्तराखंड की सांस्कृतिक अक्षुण्णता और भूमि विधान हेतु युवा चिंतन उत्साह वर्धक, हरेला पर्व पौधे को पेड़ बनने तक धैर्य रखना ही होगा तभी फल प्राप्त होंगे,

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शनिवार, १७ जुलाई २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:३९
सूर्यास्त: 🌅 ०७:११
चन्द्रोदय: 🌝 १२:१९
चन्द्रास्त: 🌜२४:१०
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌦️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 आषाढ़ (सौर मास सावन दो गते) 
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 अष्टमी (२६:४१ तक)
नक्षत्र 👉 चित्रा (२५:३३ तक)
योग 👉 शिव (०७:२४ तक)
प्रथम करण 👉 विष्टि (१५:४० तक)
द्वितीय करण 👉 बव (२६:४१ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 कर्क
चंद्र 🌟 तुला (१४:०६ से)
मंगल 🌟 कर्क (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 मिथुन (उदय, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 सिंह (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५५ से १२:५१
अमृत काल 👉 १९:२६ से २०:५७
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 २५:३३ से २९:२७
रवियोग 👉 २५:३३ से २९:२७
विजय मुहूर्त 👉 १४:४२ से १५:३७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०५ से १९:२९
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०३ से २४:४३
राहुकाल 👉 ०८:५५ से १०:३९
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:०७ से १५:५१
होमाहुति 👉 शुक्र
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी (२६:४१ तक)
भद्रावास 👉 पाताललोक (१५:४० तक)
चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम १४:०७ से)
शिववास 👉 श्मशान में (२६:४१ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (वाय विन्डिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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शुक्र सिंह में ०९:२५ से, परशुराम अष्टमी (उड़ीसा), नींव खुदाई एवं गृहारम्भ+गृहप्रवेश+ देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:२७ से ०९:०९ तक, व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त दोपहर १२:०६ से ०१:०० तक, वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:३३ से सायं ०५:३९ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २५:३३ तक जन्मे शिशुओ का नाम
चित्रा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (पे, पो, रा, री) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम स्वाति नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (रू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २७:१३ से ०५:२८
कर्क – ०५:२८ से ०७:४९
सिंह – ०७:४९ से १०:०८
कन्या – १०:०८ से १२:२६
तुला – १२:२६ से १४:४७
वृश्चिक – १४:४७ से १७:०६
धनु – १७:०६ से १९:१०
मकर – १९:१० से २०:५१
कुम्भ – २०:५१ से २२:१७
मीन – २२:१७ से २३:४०
मेष – २३:४० से २५:१४
वृषभ – २५:१४ से २७:०९
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:२७ से ०५:२८
चोर पञ्चक – ०५:२८ से ०७:४९
शुभ मुहूर्त – ०७:४९ से १०:०८
रोग पञ्चक – १०:०८ से १२:२६
शुभ मुहूर्त – १२:२६ से १४:४७
मृत्यु पञ्चक – १४:४७ से १७:०६
अग्नि पञ्चक – १७:०६ से १९:१०
शुभ मुहूर्त – १९:१० से २०:५१
रज पञ्चक – २०:५१ से २२:१७
शुभ मुहूर्त – २२:१७ से २३:४०
शुभ मुहूर्त – २३:४० से २५:१४
रज पञ्चक – २५:१४ से २५:३३
शुभ मुहूर्त – २५:३३ से २६:४१
चोर पञ्चक – २६:४१ से २७:०९
शुभ मुहूर्त – २७:०९ से २९:२७
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आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन भी आपकी आशा के अनुकूल रहेगा लेकिन आज आप लाभ पाने के लिये गलत हथकंडे अपनाएंगे जिससे सामाजिक क्षेत्र पर आलोचना हो सकती है। पुराने कार्य से धन की आमद निश्चित रहेगी फिर भी ज्यादा पाने की लालसा में चैन से ना खुद बैठेंगे ना ही कार्य क्षेत्र पर अन्य सहयोगियों को बैठने देंगे। सहकर्मी मन ही मन आपको बुराभला कहेंगे पर आर्थिक रूप से मदद मिलने पर व्यवहार बदल जायेगा। व्यवसाय में नए प्रतिद्वन्दी उभरेंगे लेकिन आज आपका चाहकर भी अहित नही कर पाएंगे। भागीदारी के कार्यो में निवेश से बचें। घर मे किसी के ऊपर नाजायज दबाव डालने से कलह हो सकती है। नेत्र, हड्डी, मूत्र संबंधित समस्या होने की संभावना है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज आप अपने काम से कम रखेंगे फालतू की बातों में समय खराब करन पसंद नही करेंगे। दिन के पूर्वार्ध में कार्य व्यवसाय संबंधित योजना बनाएंगे लेकिन इनको अमल में नही ला सकेंगे एक बार अव्यवस्था पनपने पर सुधार करने की जगह जैसे तैसे कार्य निकालने पर जोर देंगे। मध्यान तक बिक्री कम रहने से धन संबंधित समस्या रहेगी लेकिन इसके बाद कही से आर्थिक लाभ होने पर राहत मिलेगी परन्तु धन तुरंत कही ना कही खर्च हो जाएगा। पारिवारिक वातावरण धार्मिक रहेगा महिलाए आध्यात्म में डूबी रहेंगी व्रत उपवास के कारण सेहत भी शिथिल बनेगी। घर मे पूजा पाठ से वातावरण शांत बनेगा। लंबी यात्रा आज टाले चोरी अथवा अन्य कारणों से हानि हो सकती है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन भी आपको घरेलू एवं सामाजिक क्षेत्र पर प्रतिकूल फल मिलने वाले है। दिन के आरंभ से ही आपका स्वभाव अत्यंत रूखा रहेगा लोगो की कमियां खोज खोज कर लड़ने के लिये तैयार रहेंगे घर के सदस्य भी पुरानी गलतियां गिना कर माहौल को अधिक अशांत बनाएंगे। मध्यान बाद स्थिति में थोड़ा सुधार आएगा कार्य क्षेत्र पर आकस्मिक धन लाभ होने से मन की कड़वाहट कम होगी लेकिन धन संबंधित विषयों को लेकर किसी न किसी से कलह भी हो सकती है। संध्या का समय व्यवसाय में वृद्धि करेगा लेकिन धन लाभ होने की जगह आश्वासन ही मिलेंगे। घर में भी वातावरण पहले से शांत बनेगा पर पूरी तरह शांत होने में समय लग सकता है। अनैतिक कार्यो से दूर रहे शारीरिक हानि के साथ मान भंग होने की संभावना है। मानसिक अशांति अन्य विकारों को जन्म देगी शान्त रहने का प्रयास करें।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपके लिये वृद्धिकारक रहेगा आज आप जहां से लाभ हो संभावना लगाएंगे वहां से आशा से अधिक ही मिलेगा। कार्य व्यवसाय में उन्नति होगी कार्य क्षेत्र का वातावरण थोड़ा प्रतिस्पर्धात्मक रहेगा फिर भी आपके हिस्से का लाभ विपरीत परिस्थिति में भी आपके ही पास आएगा। व्यवसाय में निवेश करना पड़ेगा इसके परिणाम शीघ्र ही देखने को मिलेंगे कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियो की कमी खलेगी फिर भी तालमेल बिठा लेंगे। घर मे वातावरण किसी की जिद के कारण उथल पुथल रहेगा टालने पर भी इसके पीछे अधिक खर्च करना पड़ेगा। सेहत आज लगभग सामान्य ही रहेगी संध्या बाद कमर दर्द आलस्य थकान अधिक महसूस करेंगे।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपको घर और कारोबार में तालमेल बैठाने में परेशानी आएगी। दिमाग मे व्यवसाय सम्बंधित उलझने दिन के आरंभ से ही लगी रहेंगी उपर से घरेलू कार्य का बोझ आने से दुविधा में रहेंगे घर के बुजुर्गों का सहयोग भी कम रहने से स्वयं को ही अधिकांश कार्य निपटाने पड़ेंगे। दोपहर बाद भागदौड़ से निजात मिलेगी लेकिन व्यावसायिक कारणों से व्यस्तता बढ़ेगी कार्य क्षेत्र का माहौल अकस्मात बदलने से थोड़ी असहजता होगी फिर भी सहयोगियों की मदद से इससे पर पा लेंगे धन की आमद टलते टलते संध्या के समय अचानक होगी। घर मे आज किसी के नाराज होने से वातावरण कुछ समय के लिये उदासीन बनेगा बात मानने पर सामान्य हो जाएगा संचित धन में कमी आएगी सेहत में भी कुछ न कुछ विकार रहेगा पर कार्य रुकने नही देंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन भी आप अपने मन की ही सुनेंगे और करेंगे। व्यवहारिकता रहेगी फिर भी अपने मे ही मगन रहेंगे किसी का कार्यो में दखल देना आपको भायेगा नही। कार्य व्यवसाय में आज बुद्धि और धन दोनो लगाने पर ही लाभ कमाया जा सकता है। सहकर्मी आपके अड़ियल व्यवहार से परेशान रहेंगे कहासुनी भी हो सकती है फिर भी आज संध्या के समय धन की प्राप्ति किसी पुराने साधन के द्वारा हो ही जाएगी। मन मे लंबी यात्रा के विचार बनेंगे लेकिन आज करना केवल खर्च बढ़ाना मात्र रहेगा इससे लाभ की आशा ना रखें। घर का वातावरण भी आज ढुलमुल रहेगा वचन पूरा करने में आनाकानी करेंगे जिससे परिजनों के मन मे कड़वाहट आएगी। सेहत आज सामान्य रहेगी फिर भी लोहे के उपकरणों से सावधान रहें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आशा के विपरीत रहेगा मौसम में बदलाव के कारण सेहत में दिन के शुरुआत से ही गिरावट आने लगेगी फिर भी व्यस्तता के कारण जबरदस्ती कार्य करेंगे जिससे दोपहर के समय अत्यधिक थकान बनेगी हाथ पैरों में शिथिलता आने से किसी भी कार्य को करने का मन नही करेगा। आज अधिकांश कार्यो में किसी अन्य के ऊपर आश्रित रहना पड़ेगा जिसे भी अपने कार्य सौपेंगे वह निष्ठा से नही करेगा सहकर्मी एवं नौकरों की गतिविधि पर शक भी होगा क्रोध आएगा लेकिन मजबूरी में प्रदर्शन नही करेंगे। घरेलू वातावरण किसी न किसी के रोगग्रस्त रहने से अस्त व्यस्त रहेगा। व्यर्थ के खर्च बढ़ेंगे यात्रा की योजना टलने से मित्र परिजन मायूस होंगे। संध्या से स्थिति में सुधार आने लगेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन बीते दिन की अपेक्षा आपका स्वभाव एकदम विपरीत रहेगा आज आपके अंदर व्यवहारिकता अधिक रहेगी सार्वजिक क्षेत्र पर मीठी वाणी के बल पर वरिष्ठ लोगो से नए संबंध बनेंगे इसने भविष्य में कुछ न कुछ लाभ अवश्य होगा। पराक्रम शक्ति प्रबल रहने पर भी काम-धंधे से मध्यान तक दौड़धूप के बाद भी सकारात्मक परिणाम ना मिलने से मायूसी आएगी लेकिन संध्या के समय मेहनत का फल धन लाभ के रूप में मिलने से मन को राहत पहुचेगी। संध्या के समय भी व्यवसाय में गति रहेगी लेकिन खर्च बढ़ने से संचय नही कर पाएंगे। घर मे मातृ शक्ति की अधिक चलेगी काम निकालने के लिये खुशामद करनी पड़ेगी। भूमि वाहन सुख आज उत्तम रहेगा। व्यावसायिक चिंता को छोड़ सेहत ठीक ही रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन रुके कार्यो को पूर्ण करने में सहायता दिलाएगा। सफलता आज लगभग प्रत्येक कार्य मे निश्चित रहेगा लेकिन आपका ही मन सही कार्य को छोड़ अनर्गल विषयो में भटकने से कुछ न कुछ कमी रह जायेगी। विदेशी वस्तुओ अथवा जन्म स्थान से दूर व्यवसाय से आकस्मिक लाभ की संभावना है। धन की आमद आज एक से अधिक मार्ग से होगी आर्थिक स्थिति बेहतर बनेगी। सुख सुविधा जुटाने के लिये सोचना नही पड़ेगा। सहकर्मियो से किसी बात को लेकर अनबन होगींलेकिं आपकी आवश्यकता पड़ने पर सुलह भी जल्दी हो जायेगी। धर्म कर्म में आज रुचि कम ही रहेगी टाने टोटको में कुछ समय देंगे लेकिन निष्ठा यहां भी नही रहेगी। घर के सदस्य छोटी मोटी बातो को छोड़ प्रसन्न ही रहेंगे। संध्या का समय आनंद मनोरंजन में बीतेगा आकस्मिक दुर्घटना के योग है सावधान रहें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन व्यावसायिक एवं आर्थिक विषयों में बीते कल की तुलना में अधिक बेहतर रहेगा। आज दिन के आरंभ से ही मन मे पर्यटन मनोरंजन का भूत सवार रहेगा लेकिन कार्य व्यस्तता भी अन्य दिन की तुलना में अधिक रहेगी फिर भी संध्या बाद सब कार्य छोड़ मनोकामना पूर्ति के लिये समय निकाल ही लेंगे। व्यवसाय से आज कम मेहनत और समय मे आशाजनक लाभ मिल जाएगा अन्य कार्यो में भी सहज सफलता मिलने से उत्साही रहेंगे आर्थिक रूप से दृढ़ता आएगी भविष्य के लिये संचय कर सकेंगे। आज घर के सदस्यों को प्रसन्न करने में पसीने छूटेंगे खर्च करने के बाद भी कोई न कोई नुक्स अवश्य निकालेंगे। सेहत में कुछ नरमी रहने पर भी दिनचर्या प्रभावित नही होने देंगे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन से आपको ज्यादा लाभ की उम्मीद नही रहेगी। दिन के आरम्भ से ही मौसमी बीमारियों का प्रकोप कार्य करने का उत्साह खत्म करेगा। व्यवसाय में भी डर का वातावरण महत्तवपूर्ण निर्णय लेने से रोकेगा लेकिन आज आप मन की सुनने की अपेक्षा दिमाग का प्रयोग करें जहां हानि कि सम्भवना रहेगी वहां से आकस्मिक लाभ मिल सकता है। माता की भी सेहत खराब होने से दौड़धूप करनी पड़ेगी घर मे किसी न किसी की बीमारी पर खर्च बढ़ेगा। मध्यान से स्थिति में सुधार आने लगेगा बीमारी में थोड़ा सुधार आने पर व्यवसाय की चिंता सताएगी फिर भी ज्यादा भागदौड़ से बचे अन्यथा संध्या बाद तबियत फिर से खराब होने पर थोड़े बहुत कार्य भी नही कर पाएंगे। संतोषी वृति अपनाए सुखी रहेंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपकी आशाओं पर खरा उतरेगा दिनचर्या भी आज व्यवस्थित रहने का फायदा मिलेगा। दिन के आरंभ में कार्य करने की गति थोड़ी धीमी रहेगी लेकिन मध्यान से धीरे धीरे गति आने लगेगी एक बार सफ़लता का स्वाद चखने के बाद अधिक निष्ठा से कार्यो में तल्लीन हो जाएंगे। धन की आमद रुक रुक कर पर एकसाथ कई मार्ग से होने पर उत्साहित रहेंगे। जोखिम आज बेजीझक ले सकते है लाभ ही होगा। मध्यान बाद आपका ध्यान कार्य क्षेत्र पर कम मनोरंजन पर अधिक रहेगा जल्दबाजी में कार्य करेंगे जिससे कुछ त्रुटि होने की संभावना है सतर्क होकर कार्य करें। पारिवारिक वातावरण लगभग शांत ही रहेगा किसी की जिद के आगे झुकना पड़ेगा। जोड़ो में तकलीफ हो सकती है।
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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

मित्रों इस वर्ष के व्रत एवं पर्वों की सूची भेज रहा हूं जिनके अनुसार व्रत एवं त्यौहार ओं का पालन करने की कृपा कीजिएगा। इस वर्ष सावन में पांच सोमवार आ रहे हैं जो अत्यधिक सुबह हैं । *16 जुलाई संक्रान्ति से:-सावन महीने के व्रत*
पहला सोमवार-19 -जुलाई
दूसरा सोमवार – 26-जुलाई
तीसरा सोमवार- 2- अगस्त
चौथा सोमवार. – 9- अगस्त
पांचवा सोमवार- 16 अगस्त

*24जुलाई गुरु पूर्णिमा से:-सावन महीने के व्रत*
पहला सोमवार- 26 जुलाई
दूसरा सोमवार- 02 अगस्त
तीसरा सोमवार- 09 अगस्त
चौथा सोमवार- 16 अगस्त

*जुलाई से दिसंबर तक के अगामी त्योहार*
24 जुलाई शनिवार *गुरु पूर्णिमा*
11 अगस्त बुधवार *तीज*
13 अगस्त शुक्रवार *नाग पंचमी*
22 अगस्त रवीवार ****रक्षाबंधन****
30 अगस्त सोमवार *जन्माष्टमी*
10 सितंबर सोमवार *गणेश चतुर्थी*
07 अक्तुबर वीरवार *नवरात्रे शुरू*
13 अक्तुबर बुधवार *अष्टमी*
14 अक्तुबर वीरवार *नवमी*
15 अक्तुबर शुक्रवार *दशहरा*
24 अक्तुबर रवीवार *करवाचौथ*
28 अक्तुबर वीरवार *अहोई अष्टमी*
02 नवंबर मंगलवार
*धन्तेरस*
04 नवंबर वीरवार *दीपावली*
05 नवंबर शुक्रवार *गोवर्धन पूजा*
05 नवंबर शुक्रवार *विश्वकर्मा दिवस*
06 नवंबर शनिवार *भाई दूज*
10 नवंबर शनिवार *छठ पूजा*
19 नवंबर शुक्रवार *गुरु नानक जयंती*
25 दिसम्बर शनिवार *तुलसी पूजन दिवस*

आगे प्रेषित अवश्य करें।
आपका अपना पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677
🌹 🙏जय बद्री विशाल🙏🏽🙏🏽

देवभूमि के सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को बचाए रखने लिए महत्वपूर्ण विमर्श 

     ✍️ – अजेंद्र अजय

किसी भी प्रदेश के निर्माण के पीछे उसके इतिहास, सभ्यता, संस्कृति, परंपरा, भाषा आदि के सरंक्षण की भावना छिपी होती है। यदि ये तत्व न हों तो वो प्रदेश आत्माविहीन हो जाएगा। अस्तु प्रदेश के भौतिक विकास के साथ-साथ इन सबके सरंक्षण की भी आवश्यकता है। वर्तमान में सोशल मीडिया में #उत्तराखंड_मांगे_भू_कानून व #uk_needs_landlaw  हैशटैग के साथ युवाओं द्वारा एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के पीछे यही मूल भावना छिपी हुई है।

यह सुखद आश्चर्य की बात है कि उत्तराखंड में भू -कानून जैसे गंभीर विषय पर युवाओं द्वारा अभियान शुरू किया गया है। इससे यह प्रतीत होता है कि उत्तराखंड की युवा पीढ़ी भू -कानून को लेकर संवेदनशील है और वो अपनी जड़ों को बचाने के लिए पूरी तरह से जागरूक हैं। युवाशक्ति देवभूमि की सभ्यता, संस्कृति, परंपरा व इतिहास के सरंक्षण के लिए चिंतित है। निःसंदेह युवाशक्ति की इस सक्रियता का परिणाम सुखद ही होगा।
 
युवाशक्ति का यह अभियान सराहनीय है। मैं स्वयं इस विषय को लेकर चिंतित रहा हूं। वर्ष 2018 में मेरे द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री जी को इस विषय पर एक विस्तृत पत्र सौंपा गया था। पत्र में मेरे द्वारा देवभूमि उत्तराखंड के “वैशिष्ट्य” को कायम रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से पर्वतीय क्षेत्र को “विशेष क्षेत्र अधिसूचित” करने की मांग उठाई गई थी। पत्र में पर्वतीय क्षेत्रों में भूमि इत्यादि के क्रय-विक्रय के लिए विशेष प्राविधान किए जाने और समुदाय विशेष के धर्म स्थलों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी उठाई गई थी। इस हेतु मेरे द्वारा एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का सुझाव दिया गया था, जो इस संबंध में विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर नए कानून के प्रारूप को तैयार कर सके।

यह सर्वविदित है देवभूमि उत्तराखंड आदिकाल से अध्यात्म की धारा को प्रवाहित करती आई है। हिंदू धर्म व संस्कृति की पोषक माने जाने वाली गंगा व यमुना के इस मायके में संतों-महात्माओं के तप करने की अनगिनत गाथाएं भरी पड़ी हैं। ऋषि-मुनियों ने ध्यान व तप कर देश दुनिया को यहां से सनातन धर्म की महत्ता का संदेश दिया है। आज भी यहां विभिन्न रूपों में मौजूद उनकी स्मृतियों से दुनिया प्रेरणा प्राप्त करती है। यहां कदम-कदम पर मठ-मंदिर अवस्थित हैं, जिनका तमाम पौराणिक व धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है। इससे उनकी प्राचीनता, ऐतिहासिकता, आध्यात्मिकता व सांस्कृतिक महत्व का पता चलता है।

इन अनगिनत देवालयों के अलावा यहां श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री जैसे विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल भी स्थित हैं, जो सदियों से हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था के केंद्र रहे हैं। इस क्षेत्र के आध्यात्मिक महत्व को देखते हुए पौराणिक समय से लेकर आधुनिक काल तक प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में साधक व श्रद्धालु हिमालय की कंदराओं का रुख करते आए हैं और यही कारण रहा कि यह क्षेत्र देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

बिगत कुछ वर्षों में पर्वतीय क्षेत्रों से रोजगार एवं अन्य कारणों से वहा के मूल निवासियों द्वारा व्यापक पैमाने पर पलायन किया गया। इसके विपरीत मैदानी क्षेत्रों से एक समुदाय विशेष ने विभिन्न प्रकार के व्यवसायों के माध्यम से वहां पर अपनी आबादी में भारी बढ़ोतरी की है। यही नहीं कई बार मीडिया एवं अन्य माध्यमों में बांग्लादेशी व रोहिग्याओं द्वारा घुसपैठ किए जाने की चर्चा भी सुनाई देती है। अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़े होने के कारण ऐसी परिस्थितियां देश की सुरक्षा की दृष्टि से आशंकित करने वाली हैं। समुदाय विशेष द्वारा तमाम स्थानों पर गुपचुप ढंग से अपने धार्मिक स्थलों का निर्माण किए जाने की चर्चा भी समय-समय पर सुनाई देती हैं, इस कारण कई बार सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है।

बिना पहचान व सत्यापन के रह रहे लोगों के कारण आज पर्वतीय क्षेत्रों में अपराधों में वृद्धि हुई है। विगत समय में सतपुली, घनसाली, अगस्त्यमुनि आदि स्थानों पर हुई घटनाएं आंखें खोलने वाली हैं। इन घटनाक्रमों में पर्वतीय क्षेत्र के निवासियों में तमाम तरह की आशंकाएं घर करने के साथ ही भारी आक्रोश भी व्याप्त है। इसके साथ ही “लव जिहाद” जैसी घटनाएं भी समय-समय पर सुनाई देने लगी हैं।

सामरिक दृष्टि से उत्तराखंड का यह हिमालयी क्षेत्र बेहद संवेदनशील है। पर्वतीय क्षेत्र के निवासियों की विशिष्ट भाषाई व सांस्कृतिक पहचान रही है। अत्यंत संवेदनशील सीमा के निकट लगातार बदल रहा सामाजिक ताना-बाना आसन खतरे का कारण बन सकता है। उपरोक्त तथ्य राज्य में असम जैसी परिस्थितियों का कारक भी बन सकते हैं।

आदिकाल से सनातन धर्म की आस्था और हिंदू मान बिंदुओं की प्रेरणा रहे भूभाग की पवित्रता व उसके आध्यात्मिक, सांस्कृतिक स्वरूप को बरकरार रखने के लिए संपूर्ण पर्वतीय क्षेत्र को विशेष क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया जाना आज समय की मांग है।   समुदाय विशेष के धर्म स्थलों के निर्माण/स्थापना पर पूर्ण प्रतिबंध के साथ-साथ संपूर्ण पर्वतीय क्षेत्र में भूमि के क्रय-विक्रय के लिए विशेष प्राविधान आवश्यक है। भू-कानून के साथ-साथ भूमि कानूनों में सुधार, चकबंदी आदि जैसे विषयों पर भी ठोस उपाय किए जाने आवश्यक है। इस हेतु एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाए जो इस संबंध में विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर नए कानून के प्रारूप को तैयार कर सके।

(लेखक राजनीतिक कार्यकर्ता व स्वतंत्र पत्रकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

#हरेला_महोत्सव_2021

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि “उत्तराखंड में #हरेले का महान त्योहार है। भगवान शिव के प्रिय माह सावन का शुभारंभ। 7 या 9 अनाजों के साथ नव अंकुरित, हरित पल्लवों को भगवान को चढ़ाया जाता है और उसके बाद अपने प्रियजनों को हरेले की पत्तियां बांटी जाती है और कहा जाता है “जी रैया-जागी रैया” और एक लंबी प्रशस्तियुक्त आशीर्वाद सबको दिया जाता है। हमारी सरकार ने 2015 में हरेले को राज्य पर्व का दर्जा दिया और आज मुझे बेहद खुशी है जहां, कहीं उत्तराखंडवासी हैं, वो हरेले को एक पर्व के रूप में मना रहे हैं और उत्तराखंड ही एक ऐसी धरती है जहां के भूखंड का नाम भी हरियाली है और वहां की जो देवी हैं, उसका मंदिर भी हरियाली का मंदिर कहलाता है। हरेला, हरियाली का शुभारंभ है। हरेले के पर्व का आशीर्वाद लेकर हरियाली आगे बढ़ती है। ये प्रकृति संरक्षण और अध्यात्म का एक अद्भुत समागम है। मैं, समस्त उत्तराखंड वासियों को हरेले के महापर्व पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूंँ”

*गुजरात की तरह  किसी भी राज्य में कम से कम 20-30 साल की राजनीतिक स्थिरता ही भारतीय संस्कृति को एक शक्तिशाली आधार देगी।*

*अरबी आक्रमणकारियों एवं मुगलों ने हजार वर्ष तक जंगलराज किया।*

*अंग्रेजों ने 200 वर्ष तक जंगलराज किया।

*आम के पौधे को पेड़ बन कर फल देने में 20-30 वर्ष तक लग जाते है, एक पीढ़ी यदि आम का पेड़ लगाती है तब जाकर उसके लाभ अगली पीढ़ी को ही ज्यादा मिलते हैं।*

*जीवन में हमेशा ही तुलनात्मक अध्यन होता है। प्रतियोगिताओ में हम बच्चों के प्रदर्शन की समीक्षा भी एक दूसरे पर तुलना करके ही करते हैं, किसने सबसे सुन्दर प्रदर्शन किया।*

*ऐसे ही राष्ट्रनीति में भगवा की सरकारें तो कुंनबों की राजनीति से कई गुणा बेहतर हो सकती हैं परन्तु हमें 5 वर्ष में ‘राम राज्य’ से कम कुछ नहीं चाहिए, स्वयं तो प्रभु श्री राम जी के ‘आदर्शों उपदेशों मर्यादाओं’ को बिल्कुल नहीं मानेंगे, ऊपर से सीता माता जी की तरह भगवा के नेताओं (मोदी जी, योगी जी, भागवत जी) पर फर्जी अफवाहों (Fake News) से गुमराह हो कर उनके ‘चरित्र नीतियों विचारों’ पर प्रश्नचिन्ह खड़े करके – उनको वनवास (सत्ता विमुख) भेजते रहेंगे, फिर कहेंगे कि इससे अच्छा तो रावण रॉज ही था। असल में रावण के कम्भक्तों को तो रावण का जंगलराज ही पसन्द आएगा।*

*अमेरिका जापान यूरोप चीन आदि की विकास यात्रा में एक पीढ़ी ‘तन मन धन’ से खपी है, तभी अगली पीढ़ियों को उसका लाभ मिल रहा है, आज से 40- 60 वर्ष पहले उनकी भी दशा अत्यंत खराब थी वे भारत से बढ़िया नहीं थे।*

*हमारे यहाँ भी “धैर्य सयंम विवेक” के अभाव में सोने के अंडे देने वाली मुर्गी को हलाल करने की गन्दी आदत आ गयी है। 

*अपने “बच्चों राष्ट्र धर्म” और अपनी भारतीय संस्कृति से प्रेम सिखायें है ताकि उनका भविष्य सुदृढ़ बन सके। 

*”जागरूकता और एकजुटता” ही एकमात्र उपाय है।